Lootcase Review - Tech Reviuw

by - August 04, 2020


Lootcase Review - Tech Reviuw


नमस्कार मित्रो,
आज सुबह एक बढ़िया कॉमेडी फ़िल्म "Lootcase" देखी.अभी चार दिन पहले हॉटस्टार पे रिलीज़ हुई इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार है कुणाल खेमू,विजय राज, रणवीर शौरी और फ़िल्म की कहानी एक चोरी हुए पैसो से भरे ब्रीफ़केस के इर्द गिर्द घूमती है.
कहानी शुरू होती है विधायक "पाटिल" से जो "ओमर" नाम के आदमी को पैसो से भरा ब्रीफ़केस डिलीवरी करने का काम देता है.लेकिन "ओमर" का दुश्मन "बाला राठौर" बीच रास्ते में अपने आदमियों से "ओमर" और उसके लोगो पे अटैक करवाता है और इस मारा-मारी में वो ब्रीफ़केस गायब हो जाता है.दूसरी तरफ एक आम आदमी "नंदन" जो अपनी बीवी बच्चों के साथ गरीबी में ज़िन्दगी गुज़ार रहा है, उसकी किस्मत बदलती है और वो ब्रीफ़केस "नंदन" को मिल जाता है.इतने पैसे मिलने से उसकी ज़िन्दगी चमक जाती है और वो उन पैसो से अपने परिवार की हालत ठीक करने लगता है.इधर ब्रीफ़केस गायब होने से हड़कंप मचा हुआ है और बौखलाया हुआ "पाटिल" उसको ढूंढने के लिए घाघ इंस्पेक्टर "कोलते" को लगा देता है.कइयों का एनकाउंटर कर चूका शातिर इंस्पेक्टर "कोलते", गैंगस्टर "बाला" और "ओमर" हर कोई उस ब्रीफ़केस की तलाश में लग चूका है और उधर "नंदन" उन पैसो से अपने परिवार की गरीबी मिटाने और खुशियाँ भरने में लगा है.फिर क्या हुआ?क्या "कोलते" उस ब्रीफ़केस का पता लगा पाया?क्या "नंदन" इतने सारे क्रिमिनल्स से खुद को और अपनी फॅमिली को बचा पाया?और क्या क्या गुल खिलाने वाला था रुपयों से भरा वो ब्रीफ़केस?जानने के लिए आपको ये मज़ेदार फ़िल्म देखनी होंगी.
फ़िल्म की बात करें तो बहुत समय बाद एक बढ़िया कॉमेडी फॅमिली फ़िल्म देखने को मिली है.आज के समय को देखते हुए ज़ब फूहड़ और बकवास कंटेंट परोसा जा रहा है, ऐसे समय में ये फ़िल्म देखकर दिल को ख़ुशी होती है.कहानी बढ़िया है और दर्शकों को पसंद आएगी.अभिनय में सभी कलाकारों का काम सराहनीय है लेकिन "विजय राज" का रोल सबसे प्रभावित करता है.कम शब्दों में और बढ़िया हाव भाव के साथ उनका काम बेहद पसंद आता है.वही मिडिल क्लास इंसान बने "कुणाल" भी बढ़िया लगते है.चालाक इंसपेक्टर बने "रणवीर" ख़तरनाक लगते है,जबकि विधायक "पाटिल" के अभिनय में "गजराज" हंसाते है.कुल मिलाकर फ़िल्म अच्छी है और जरूर देखनी चाहिए.आपको पसंद आएगी.
क्यों देखें-अगर फॅमिली कॉमेडी देखना पसंद करते हो.
क्यों ना देखें-अगर इत्तफ़ाक़ या किस्मत में यकीन ना हो.
रेटिंग-7.5/10

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