Dil Bechara Review - Tech Reviuw
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नमस्कार मित्रो,
कल रात एक बहुत ही बढ़िया बॉलीवुड ड्रामा फ़िल्म "दिल बेचारा" देखी.कल ही हॉटस्टार पे रिलीज़ हुई यह फ़िल्म इमोशनल ड्रामा है और कैंसर से जंग लड़ती एक लड़की की कहानी पर बनी है जिसे तब उम्मीद मिलती है ज़ब उसकी ज़िन्दगी में कुछ नहीं बचा होता और वो हिम्मत हार चूकी होती है.फ़िल्म मे काम किया है "संजना संघी" ने और ये फ़िल्म "सुशांत सिंह राजपूत" की लास्ट फ़िल्म भी है.
फ़िल्म की कहानी शुरू होती है "किज़ि बसु" नाम की लड़की से जो कैंसर नाम की बीमरी से जूझ रही है और बाक़ी लड़कियो की तरह नार्मल लाइफ जीना चाहती है.उसके सपने है जिन्हे वो पूरा करना चाहती है, लेकिन उसकी बीमारी का डर न तो सपने देखने देता है और ना ही हसने देता है.डरी सहमी "किज़ि" की ज़िन्दगी में प्रवेश होता है दिलदार और हंसमुख रहने वाले "मैनी" का जो न सिर्फ "किज़ि" को हँसने की वजह देता है बल्कि उसके सपने पूरे करने की भी ठान लेता है.हर तरफ खुशियाँ बिखेरने वाला "मैनी" उस को जीना सीखा देता है और "किज़ि" उससे प्यार करने लगती है.लेकिन ज़िन्दगी इतनी आसान नहीं होती जितना दिखती है.अपने सपने को हकीकत में बदलते देखती "किज़ि" की जिंदगी में डर की दस्तक होती है और उसे "मैनी" की सच्चाई का पता चलता है.फिर क्या हुआ?"मैनी" की ज़िन्दगी का कौन सा सच था जो किज़ि की ज़िन्दगी को बदल कर रख देने वाला था?क्या "मैनी" उसके सपने पूरे कर पाया?क्या "किज़ि" फिर से हंसा सीख पायी?"मैनी" का क्या हुआ?ये सब जानने के लिए आपको ये बेहतरीन फ़िल्म देखनी पड़ेगी.
कहानी की बात करें तो ये फ़िल्म लेखक "जॉन ग्रीन" के उपन्यास "द फाल्ट इन अवर स्टार्स" पे आधारित है और हॉलीवुड फ़िल्म(इसी नाम की) का आधिकारिक रीमेक है.कहानी बेहद उम्दा है और ड्रामा फिल्मो के दर्शकों को बेहद पसंद आएगी.अगर आप इमोशनल फिल्में देख सकते है तो कहानी आपके लिए ही बनी है.शुरू में जहा फ़िल्म हंसाते हुए आपको ज़िन्दगी के सबक देती है, वही अंत होते होते आपको रुला भी जाती है.जहा आज की ज़िन्दगी में छोटी छोटी परेशानी से लोग हार मान लेते है वही ज़िन्दगी को जीने का तरीका बताती हुई ये फ़िल्म आपको निराश नहीं करेगी.अभिनेता "सुशांत" के अभिनय आपको अंदर तक छू जायेगा.उनके हाव भाव और गज़ब का अभिनय आपको बेहद पसंद आएगा.वही नवोदित अभिनेत्री "संजना" का किरदार आपको खुद से जुड़ता हुआ लगेगा.जिस मासूमियत से उन्होंने "किज़ि" का अभिनय किया है, फ़िल्म देखने के बाद आप भी उनके फैन हो जायेंगे.फ़िल्म के गाने ठीक ठाक है और खासकर "मैं तुम्हारा" गीत आपको बहुत पसंद आएगा.कुल मिलाकर फ़िल्म बेहद अच्छी है और आपको जरूर देखनी चाहिए.
क्यों देखें-अगर इमोशनल ड्रामा फिल्में देखना आपको पसंद आता हो.
क्यों ना देखें-अगर लोगो की देखा देखी "सुशांत" की लास्ट फ़िल्म समझ कर देख रहे हो.
रेटिंग-9/10
कल रात एक बहुत ही बढ़िया बॉलीवुड ड्रामा फ़िल्म "दिल बेचारा" देखी.कल ही हॉटस्टार पे रिलीज़ हुई यह फ़िल्म इमोशनल ड्रामा है और कैंसर से जंग लड़ती एक लड़की की कहानी पर बनी है जिसे तब उम्मीद मिलती है ज़ब उसकी ज़िन्दगी में कुछ नहीं बचा होता और वो हिम्मत हार चूकी होती है.फ़िल्म मे काम किया है "संजना संघी" ने और ये फ़िल्म "सुशांत सिंह राजपूत" की लास्ट फ़िल्म भी है.
फ़िल्म की कहानी शुरू होती है "किज़ि बसु" नाम की लड़की से जो कैंसर नाम की बीमरी से जूझ रही है और बाक़ी लड़कियो की तरह नार्मल लाइफ जीना चाहती है.उसके सपने है जिन्हे वो पूरा करना चाहती है, लेकिन उसकी बीमारी का डर न तो सपने देखने देता है और ना ही हसने देता है.डरी सहमी "किज़ि" की ज़िन्दगी में प्रवेश होता है दिलदार और हंसमुख रहने वाले "मैनी" का जो न सिर्फ "किज़ि" को हँसने की वजह देता है बल्कि उसके सपने पूरे करने की भी ठान लेता है.हर तरफ खुशियाँ बिखेरने वाला "मैनी" उस को जीना सीखा देता है और "किज़ि" उससे प्यार करने लगती है.लेकिन ज़िन्दगी इतनी आसान नहीं होती जितना दिखती है.अपने सपने को हकीकत में बदलते देखती "किज़ि" की जिंदगी में डर की दस्तक होती है और उसे "मैनी" की सच्चाई का पता चलता है.फिर क्या हुआ?"मैनी" की ज़िन्दगी का कौन सा सच था जो किज़ि की ज़िन्दगी को बदल कर रख देने वाला था?क्या "मैनी" उसके सपने पूरे कर पाया?क्या "किज़ि" फिर से हंसा सीख पायी?"मैनी" का क्या हुआ?ये सब जानने के लिए आपको ये बेहतरीन फ़िल्म देखनी पड़ेगी.
कहानी की बात करें तो ये फ़िल्म लेखक "जॉन ग्रीन" के उपन्यास "द फाल्ट इन अवर स्टार्स" पे आधारित है और हॉलीवुड फ़िल्म(इसी नाम की) का आधिकारिक रीमेक है.कहानी बेहद उम्दा है और ड्रामा फिल्मो के दर्शकों को बेहद पसंद आएगी.अगर आप इमोशनल फिल्में देख सकते है तो कहानी आपके लिए ही बनी है.शुरू में जहा फ़िल्म हंसाते हुए आपको ज़िन्दगी के सबक देती है, वही अंत होते होते आपको रुला भी जाती है.जहा आज की ज़िन्दगी में छोटी छोटी परेशानी से लोग हार मान लेते है वही ज़िन्दगी को जीने का तरीका बताती हुई ये फ़िल्म आपको निराश नहीं करेगी.अभिनेता "सुशांत" के अभिनय आपको अंदर तक छू जायेगा.उनके हाव भाव और गज़ब का अभिनय आपको बेहद पसंद आएगा.वही नवोदित अभिनेत्री "संजना" का किरदार आपको खुद से जुड़ता हुआ लगेगा.जिस मासूमियत से उन्होंने "किज़ि" का अभिनय किया है, फ़िल्म देखने के बाद आप भी उनके फैन हो जायेंगे.फ़िल्म के गाने ठीक ठाक है और खासकर "मैं तुम्हारा" गीत आपको बहुत पसंद आएगा.कुल मिलाकर फ़िल्म बेहद अच्छी है और आपको जरूर देखनी चाहिए.
क्यों देखें-अगर इमोशनल ड्रामा फिल्में देखना आपको पसंद आता हो.
क्यों ना देखें-अगर लोगो की देखा देखी "सुशांत" की लास्ट फ़िल्म समझ कर देख रहे हो.
रेटिंग-9/10


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